‘बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली’- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं


नई दिल्ली: ‘बेसमेंट लाइब्रेरी’ शब्द से लोगों के दिलों में खौफ पैदा हुए एक सप्ताह हो गया है. लेकिन यह ओल्ड राजिंदर नगर का UPSC कोचिंग हब था. NEET और CA कोचिंग सेंटरों में ‘बेसमेंट लाइब्रेरी’ पर पूरी तरह से प्रतिबंध ने चिंता की लहर पैदा कर दी है. 11 अगस्त को होने वाली अपनी स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे पच्चीस वर्षीय आकाश यादव मेडिकल अभ्यर्थियों के लिए जाने जाने वाले दिल्ली के गौतम नगर में एक लाइब्रेरी की तलाश कर रहे हैं. इस इलाके में बेसमेंट लाइब्रेरी को बिना किसी सूचना के अचानक बंद कर दिया गया है, जिससे यादव परेशान हैं कि पढ़ाई कहां करेंगे.

मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले यादव एक साल से दिल्ली में रह रहे हैं और उन्होंने अपने इलाके में बहुत कम बदलाव देखा है.

शारदा यूनिवर्सिटी, नोएडा से मेडिकल ग्रेजुएट यादव ने कहा, “यह बंद करना उचित नहीं है. कुछ महीनों में ये लाइब्रेरीज़ फिर से खुल जाएंगी और कुछ भी नहीं बदलेगा. असली नुकसान हमारा है क्योंकि कुछ ही लाइब्रेरी हैं जो कि बेसमेंट में नहीं हैं और उनमें पहले से ही काफी भीड़भाड़ है”

बेसमेंट लाइब्रेरी में तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की दुखद मौत के बाद, खराब बुनियादी ढांचे, अपर्याप्त जल निकासी व्यवस्था और रहने के स्थानों के निम्न स्तरीय होने के मुद्दे सामने आए हैं. हालांकि, ये समस्याएं ओल्ड राजिंदर नगर और मुखर्जी नगर तक ही सीमित नहीं हैं.

गौतम नगर जैसे मेडिकल के छात्रों के केंद्र और लक्ष्मी नगर जैसे सीए छात्रों के केंद्र भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करते हैं. रहने की जगह का तंग और असुरक्षित होना यहां भी वैसा ही है: संकरी गलियाँ, उलझे हुए तार और पीजी, कमरे और कोचिंग कक्षाओं के विज्ञापनों से ढकी 5-6 मंजिला इमारतें.

माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को तैयारी के लिए बड़े शहरों में भेजने के लिए ज़मीन, गहने बेचते हैं या कर्ज लेते हैं. जो लोग दिल्ली जैसे शहरों में नहीं जा पाते हैं वे जयपुर, पटना और पुणे जैसे दूसरे शहरों का विकल्प चुनते हैं. लेकिन इन उभरते केंद्रों को समान समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

गौतम नगर में रोड के बीचोंबीच लटक रहा एक तार | फोटो: मनीषा मंडल | दिप्रिंट
'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
रिहायशी घरों को कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों में बदल दिया गया है | फोटो: मनीषा मंडल | दिप्रिंट

इन रिहायशी कॉलोनियों में कोचिंग संस्थानों, पुस्तकालयों और पीजी आवासों में तब्दील घरों की बाढ़ सी आ गई है. लगभग हर रिहायशी इमारत में किसी न किसी तरह की व्यावसायिक गतिविधि होती है, चाहे वह दुकान हो, प्रॉपर्टी डीलर का दफ़्तर हो या किराए के कमरे हों.

डॉ. अमित कुमार, जिन्होंने चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है और अब दिल्ली में पीजी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, कहते हैं, ”

उन्होंने हमारे जीवन और संघर्षों का व्यवसायीकरण कर दिया है. वे छोटे-छोटे कमरों के लिए बहुत ज़्यादा कीमत वसूलते हैं. चूंकि सभी अध्ययन सामग्री और ऑफ़लाइन कोचिंग कक्षाएं यहीं केंद्रित हैं, इसलिए हमारे पास यहां के अलावा कोई विकल्प नहीं है.”

पीजी परीक्षा की तैयारी कर रहे अमित कुमार

गौतम नगर में करीब 10,000 मेडिकल छात्र रहते हैं, जिनमें से अधिकतर यूक्रेन, चीन और ऑस्ट्रिया जैसे देशों से आए विदेशी मेडिकल स्नातक हैं. उनमें से आधे एफएमजी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, जो भारत में मेडिकल प्रेक्टिस के लिए आवश्यक है, जबकि अन्य पीजी में एडमिशन पाने के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के संस्थापक और मुख्य सलाहकार डॉ मनीष जांगड़ा ने कहा, “गौतम नगर में करीब 50 पुस्तकालय हैं और बेसमेंट में 10 से अधिक प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान संचालित हैं. गौतम नगर में हर साल 10,000 से अधिक डॉक्टर आते हैं जो एफएमजी और एनईईटी पीजी कोचिंग के लिए यहां आते हैं. ओल्ड राजिंदर नगर की घटना के बाद, पुस्तकालय मालिकों ने अस्थायी रूप से अपना काम बंद कर दिया है.”

'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
बेसमेंट लाइब्रेरीज़ को बंद करने के लिए उनके बाहर नोटिस चिपका हुआ है । फोटोः मनीषा मंडल । दिप्रिंट
'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
एमसीडी ने केवल बेसमेंट लाइब्रेरीज़ को ही बंद किया है । मनीषा मंडल । दिप्रिंट

बाजार की ताकतें अक्सर कानूनी नियमों को तोड़कर अपने नियमों को उनके ऊपर थोपती हैं. ऐसे सार्वजनिक स्थानों की उच्च मांग का मतलब है कि प्रतिबंध का धीरे-धीरे उल्लंघन होता है, और छात्र इसकी कीमत चुका रहे हैं.

जांगड़ा ने कहा, “कुछ पुस्तकालय रात में फिर से खुल रहे हैं. पहली और दूसरी मंजिल पर स्थित पुस्तकालयों ने अपनी फीस 2,000 रुपये से बढ़ाकर 4,000-5,000 रुपये प्रति माह कर दी है. 11 अगस्त को होने वाली NEET PG परीक्षा के नज़दीक आने पर वे छात्रों की समस्याओं का फ़ायदा उठा रहे हैं.”

जांगड़ा ने कहा, “कुछ पुस्तकालय रात में फिर से खुल रहे हैं. पहली और दूसरी मंजिल पर स्थित पुस्तकालयों ने अपनी फीस 2,000 रुपये से बढ़ाकर 4,000-5,000 रुपये प्रति माह कर दी है. 11 अगस्त को होने वाली NEET PG परीक्षा के नज़दीक आने पर वे छात्रों की समस्याओं का फ़ायदा उठा रहे हैं.”

– फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के फाउंडर मनीष जांगड़ा

यहां बेसमेंट लाइब्रेरी और स्टडी स्पेस अचानक बंद होने के बाद छात्रों को अस्थायी समाधान की तलाश करनी पड़ रही है.

ऑस्ट्रिया से एमबीबीएस पूरा करने वाले सूरज उपाध्याय ने कहा, “यहां तक ​​कि पार्क या शांत सीढ़ियां भी पढ़ाई के लिए काम आ सकती हैं. 3-4 लोगों के साथ एक कमरे में बैठकर पढ़ाई करना मुश्किल है. इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा होना चाहिए.”

'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
गौतम नगर में छात्र । मनीषा मंडल । दिप्रिंट

नए लोगों की भयावह स्थिति

असम से गौतम नगर में एक सप्ताह पहले ही पहुंचे बाईस वर्षीय सचिन शाह अभी भी गलियों और दुकानों से परिचित हो रहे हैं. यूपीएससी के तीन उम्मीदवारों की मौत के बाद वह “डरे हुए” हैं. हर बार जब बारिश होती है, तो उन्हें डर लगता है कि कहीं कुछ बुरा न हो जाए. एफएमजी परीक्षा की तैयारी के लिए यहां मौजूद उनके अन्य दोस्तों के भी मन में ऐसी ही चिंताए हैं.

गौतम नगर की संकरी गलियों में एक दोस्त के साथ समोसे खाते हुए शाह ने कहा, “यहां पहुंचने के बाद, मैंने एक बेसमेंट लाइब्रेरी ज्वाइन कर ली, जिसमें केवल एक ही निकास है और इसकी क्षमता 35-40 छात्रों की है. सारी जगहें जल्द ही भर गईं. मुझे चिंता होती है कि अगर पानी लाइब्रेरी में घुस गया, तो हम कैसे बचेंगे?”

ये लाइब्रेरी चौबीसों घंटे काम करती हैं, बेसमेंट लाइब्रेरी में सुविधाओं के आधार पर 1,800 से 2,500 रुपये मासिक शुल्क लिया जाता है. फर्स्ट या ग्राउंड फ्लोर पर स्थित लाइब्रेरी की फीस ज्यादा होती है, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है.

शाह ने कहा, “कुछ लाइब्रेरीज़ 3,000 रुपये तक की फीस चार्ज करते हैं. लेकिन हमने बेसमेंट लाइब्रेरीज़ के लिए पहले ही फीस दे दी है जो कि अब बंद हो चुके हैं.”

'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
लाइब्रेरी में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए नोटिस | फोटो: मनीषा मंडल | दिप्रिंट
'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
लाइब्रेरी में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए नोटिस | फोटो: मनीषा मंडल | दिप्रिंट

ओल्ड राजिंदर नगर की घटना के बाद कई लाइब्रेरीज़ ने अपने साइनबोर्ड और पोस्टर हटा दिए हैं और अब उनके दरवाजे बंद हैं. कोई भी यह स्वीकार नहीं करता कि पहले कोई लाइब्रेरी यहां थी भी या नहीं.

पहले लाइब्रेरी चलाने वाले एक मकान मालिक से जब इस बारे में पूछा गया तो उसने कहा, “मुझे नहीं पता कि आप किस बारे में बात कर रहे हैं. हमारा बेसमेंट लंबे समय से बंद है,”

एक छोटे कमरे का किराया कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह है, जबकि एक बड़े कमरे का किराया दोगुना यानी लगभग 20,000 रुपये प्रतिमाह है. कई छात्र लागत कम करने और बेहतर लाइब्रेरी में निवेश करने के लिए कमरे शेयर करते हैं, अपने कमरों का उपयोग केवल सोने के लिए करते हैं. कुछ मामलों में, चार लोग एक कमरे के अपार्टमेंट को साझा करते हैं, जिसमें दो लोग कमरे में सोते हैं और दो हॉल को सोने की जगह में बदल देते हैं.

ओल्ड राजिंदर नगर की घटना के बाद कई लाइब्रेरीज़ ने अपने साइनबोर्ड और पोस्टर हटा दिए हैं और अब उनके दरवाज़े बंद हैं. कोई भी यह स्वीकार नहीं करता कि पहले कभी कोई लाइब्रेरी थी.

डॉ. नवीन कुमार, जिन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और पिछले 10 महीनों से अपनी पीजी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, कहते हैं, “मेरे पास एक छोटा सा कमरा है जिसमें सिर्फ़ एक बिस्तर और एक छोटी सी अलमारी है. यहां पर पढ़ना असंभव है. मैंने यह छोटा सा कमरा इसलिए चुना क्योंकि मैं जानता था कि मैं दिन में 14 घंटे लाइब्रेरी में पढ़ूंगा और बाहर खाना खाऊंगा. लेकिन अब, जब सभी लाइब्रेरीज़ बंद हो गई हैं, तो मुझे अपने कमरे में ही पढ़ना पड़ रहा है.”

ओल्ड राजिंदर नगर की घटना के बाद डरे हुए यादव के माता-पिता उसे हर दिन फोन करके दिल्ली छोड़कर हरियाणा के सिरसा में अपने घर वापस आने का आग्रह कर रहे हैं.

'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
MIST एक मंदिर के ऊपर स्थित इमारत में NEET UG की कक्षाएं संचालित करता है | फोटो: मनीषा मंडल | दिप्रिंट

यादव ने कहा, “वे कहते हैं कि परीक्षा से ज़्यादा ज़िंदगी ज़रूरी है. लेकिन मैं कैसे समझाऊं कि इस परीक्षा के बिना मेरे लिए ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा? ये परीक्षाएं हमारे लिए बेहतर ज़िंदगी की राह हैं. पढ़ाई के अलावा, हम मकान मालिक के विवाद, दलालों के झगड़े और घटिया खाने से भी निपटते हैं. ये सभी मुद्दे एक उम्मीदवार के सामने आने वाली समस्याओं में योगदान करते हैं,”

लक्ष्मी नगर

लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलते ही आपको बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर दिखाई देते हैं, जो इस क्षेत्र को महत्वाकांक्षी चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) का केंद्र बताते हैं. मेट्रो के पास स्ट्रीट वेंडर कई तरह के सामान बेचते हैं- फोन कवर, फल, मोमोज- और वे ब्रोकर के रूप में भी काम करते हैं, छात्रों को कमरे या पीजी आवास खोजने में मदद करते हैं, अक्सर किराए में से कुछ हिस्सा फीस के रूप में लेते हैं. यह अपने आप में एक दुनिया है.

लक्ष्मी नगर में पिछले 15 सालों से ब्रोकर का काम कर रहे कामा चौहान ने कहा, “यहां हज़ारों छात्र हैं. नए छात्र कमरे या पीजी चाहते हैं, जबकि पुराने छात्र अपने कमरे बदलना चाहते हैं. व्यापार अच्छा चल रहा है. कभी-कभी, ग्राहकों के साथ बहस भी होती है, लेकिन ऐसा हर व्यापार में होता है,”

70 से ज़्यादा कोचिंग संस्थानों वाला लक्ष्मी नगर सीए बनने की इच्छा रखने वाले छात्रों का एक केंद्र है. छात्रों को आकर्षित करने के लिए होर्डिंग्स पर टॉपर्स और प्रसिद्ध शिक्षकों के पोस्टर प्रमुखता से लगाए जाते हैं. इस इलाके में कई तरह के खाने के विकल्प भी हैं, जिसमें आलीशान डाइनिंग रेस्टोरेंट से लेकर लिट्टी चोखा और मोमोज बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर शामिल हैं.

'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
लक्ष्मी नगर में छात्र | फोटो: मनीषा मोंडल | दिप्रिंट

“यहां सभी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन यह बहुत भीड़भाड़ वाला इलाका है. यह बाज़ार वाला इलाका है, और लक्ष्मी नगर में रहने वाले हर व्यक्ति को अपने पीजी और कमरों तक पहुँचने के लिए यहाँ से गुज़रना पड़ता है. जब बारिश होती है, तो जलभराव के कारण यहां से गुज़रना मुश्किल हो जाता है. मकान मालिकों और दलालों के लिए, हमारे मुद्दे मायने नहीं रखते. उन्हें सिर्फ़ पैसे की परवाह है,” लक्ष्मी नगर में एक कोचिंग सेंटर के छात्र 28 वर्षीय दीपक कुमार ने कहा.

कुमार ने तर्क दिया कि ये स्थान बड़े पैमाने पर कोचिंग उद्योग के लिए उपयुक्त नहीं हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि कोचिंग कक्षाओं, हॉस्टल और लाइब्रेरीज़ के लिए निश्चित होने चाहिए.

उम्मीदवारों ने यह भी शिकायत की है कि मकान मालिक पीजी में रखरखाव के काम को अनदेखा करते हैं. प्रयागराज के एक उम्मीदवार विजय त्रिपाठी, जो 2022 तक तीन साल तक दिल्ली में रहे, ने कहा, “उम्मीदवार पानी की मोटर और बिजली की समस्याओं को खुद ही ठीक करते हैं. कोचिंग संस्थान कभी भी मकान मालिकों से किराया कम करने की अपील नहीं करते हैं.”

इन इलाकों में किराया प्रॉपर्टी मालिकों की इनकम का मूल स्रोत है, न कि साइड बिजनेस.

'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
फोटो: मनीषा मंडल | दिप्रिंट

त्रिपाठी ने कहा, “करोल बाग, मुखर्जी नगर, नेहरू विहार, गांधी विहार, वजीराबाद और अन्य छात्र क्षेत्रों में प्रॉपर्टी डीलर छात्रों को एटीएम की तरह मानते हैं. प्रयागराज, लखनऊ और कोटा में भी यही स्थिति है. अगर छात्र इन जगहों पर नहीं आते, तो उनके लिए जीविकोपार्जन करना मुश्किल हो जाता.”

वर्तमान में, यूपीएससी के इच्छुक उम्मीदवार मकान मालिकों और दलालों से निपटने में मदद के लिए कोचिंग संस्थानों में सार्वजनिक पुस्तकालय और शिकायत प्रकोष्ठ की मांग कर रहे हैं. वे तीन छात्रों की मौत के बाद से विरोध कर रहे हैं, जो बाढ़ के पानी से भरे बेसमेंट लाइब्रेरी में डूब गए थे.

अमित कुमार ने कहा, “दक्षिण कोरिया जैसे देशों में, कोचिंग संस्थानों के लिए उचित बुनियादी ढांचे के साथ समर्पित क्षेत्र हैं. उनके पास एक ही स्थान पर हॉस्टल, लाइब्रेरी और कोचिंग संस्थान हैं. भारत में, ऐसी बात केवल एक सपना है.”

परीक्षा से सिर्फ़ एक हफ़्ते पहले, यादव और दूसरे छात्र पढ़ाई के लिए जगह ढूंढने में संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने बड़े अपार्टमेंट वाले छात्रों से जुड़ने के लिए एक समूह बनाया है.

चाय की दुकान से अपने कमरे की ओर लौटते हुए यादव ने कहा, “मेरी प्रोडक्टिविटी आधी रह गई है. मैं अपने कमरे में पढ़ाई नहीं कर सकता. हम बड़े अपार्टमेंट वाले छात्रों से संपर्क कर रहे हैं कि वे हमें वहां पढ़ने दें, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है.”

'बेसमेंट लाइब्रेरी, छोटा कमरा, संकरी गली'- दिल्ली के NEET, CA कोचिंग हब भी बिल्कुल UPSC इलाकों की तरह हैं
फोटोः मनीषा मंडल । दिप्रिंट

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *