अकोला जिले के एक गाँव मे रोका गया बाल विवाह

अकोला जिले के एक गाँव मे रोका गया बाल विवाह

अकोला – ग्राम बाल संरक्षण समिति की जागरूकता के कारण अकोला जिले के तेल्हारा तालुका के एक गांव में बाल विवाह को सफलतापूर्वक रोका गया। 

तेल्हारा तालुक के सौंडला गांव में 16 मई को ग्राम बाल संरक्षण समिति को बाल विवाह की सूचना मिली। तदनुसार, ग्राम बाल संरक्षण समिति और हिवरखेड के पुलिस निरीक्षक, साथ ही संबंधित गांव के कर्मचारियों ने विवाह स्थल का दौरा किया। 

जब लड़की की जन्मतिथि की जांच की गई तो पता चला कि लड़की नाबालिग है। इस अवसर पर दोनों परिवारों से मुलाकात कर बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के बारे में जानकारी दी गयी।लड़की जिसकी उम्र अभी अठारह साल की नहीं हुई है दोनों की शादी ना करने का शपथ पत्र लिया गया है। 

बाल विवाह से बालिकाओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी गई। बाल विवाह एक बहुत ही गंभीर और चिंताजनक मामला है और बाल विवाह को रोकने के लिए जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने का निर्णय लिया गया है। 

ग्राम स्तर पर कार्य कर रही ग्राम बाल संरक्षण समिति के माध्यम से जानकारी मिलने पर तत्काल संज्ञान लेकर बाल विवाह रोकना संभव हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमे अकोला जिलाधिकारी अजीत कुंभार ने समझदार नागरिकों और संगठनों से इसके लिए पहल करने की अपील की है।

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